स्मिता पाटिल ने हिंदी सिनेमा जगत में भले ही थोड़े समय के लिए काम किया हो, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत से वो एक स्टार के रूप में उभरीं। स्मिता पाटिल ने फ़िल्मो में अपने करियर की शुरुआत 1975 से फिल्म ‘चरणदास चोर’ से की थी। फिल्मों में बोल्ड सीन देने में कोई संकोच ना करने वाली अभिनेत्री स्मिता पाटिल रियल लाइफ में बेहद ही शांत महिला थीं। फिर भी राज बब्बर से उनके संबंधों को लेकर दुनिया की नज़र में उनकी छवि घर तोड़ने वाली महिला जैसी बन गई थी।
स्मिता पाटिल से शादी करने से पहले राज बब्बर शादीशुदा थे, स्मिता पाटिल से शादी करने के लिए राज बब्बर ने अपना घर और पहली पत्नी नादिरा को छोड़ दिया था। साल 1982 में राज बब्बर ने स्मिता पाटिल के साथ पहली फिल्म भीगी पलकें की थी और इस फिल्म के दौरान उन दोनों के बीच काफी नजदीकियां बढ़ीं थीं।
स्मिता अपने बेटे प्रतीक बब्बर से बहुत प्यार करती थीं। स्मिता अपने आखिरी दिनों में बहुत ही अकेला महसूस करतीं थीं क्युकि राज बब्बर और उनके रिश्ते में बहुत दूरियां आ गईं थीं। स्मिता अपने मेकअप और कपड़ों पर अच्छा खासा ध्यान देती थीं। वह अपना ज्यादातर वक्त अपने मेकअप आर्टिस्ट और सहयोगियों के साथ बिताती थीं, स्मिता बातों बातों में हमेशा अपनी आखिरी इच्छा की बात करती थीं। स्मिता हमेशा अपने मेकअप आर्टिस्ट और सहयोगियों से यह कहा करती थीं कि जब वे मर जाये तो उन्हें दुल्हन की तरह सजा कर ही उनका अंतिम संस्कार किया जाए।