उड़ीसा के पूरी के जगन्नाथ मंदिर(Jagannath Temple) धाम को धरती का बैकुंठ माना जाता है. जो भगवान विष्णु(Lord Shri Vishnu) के अवतार जगन्नाथ जी, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की लीला भूमि है. जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और बहन सुभद्रा की लकड़ी की मूर्तियां विराजमान हैं. हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को विश्व प्रसिद्धि जगन्नाथ रथ यात्रा(Jagannath Rath yatra) निकाली जाती है. हर साल पुरी में रथ यात्रा का विशाल आयोजन किया जाता है. हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर साल आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को रथ यात्रा निकाली जाती है. जगन्नाथ मंदिर से जब यह रथ यात्रा निकलती है तो जगन्नाथ पुरी के राजा सोने की झाडू लगाते हैं.
मूर्तियों में आज भी धड़कता है श्रीकृष्ण का दिल
मान्यता है कि जब भगवान श्री कृष्ण (Sri Krishna) ने अपना देह त्याग किया तो उनका अंतिम संस्कार किया गया था. उनका बाकी शरीर तो पंच तत्वों में मिल गया था लेकिन भगवान कृष्ण जी का दिल सामान्य और जिंदा है. कहा जाता है कि श्रीकृष्ण (Sri Krishna) का दिल आज भी सुरक्षित है. माना जाता है कि उनका यह दिल भगवान जगन्नाथ की मूर्ति के अंदर है और वह आज भी धड़कता है।
12 साल के बाद बदल दी जाती है मूर्तियां
हर 12 साल बाद जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ , बलभद्र और उनकी बहन सुभद्रा की मूर्तियों को बदला जाता है. और जब इन मूर्तियों को बदला जाता है उस समय पूरे शहर की बिजली गुल कर दी जाती है. और मंदिर के आस पास अंधेरा कर दिया जाता है। अंधेरा होने के बाद कोई भी इस मंदिर में नहीं जा सकता. मंदिर में प्रवेश इस दौरान बंद होता है। मंदिर की सुरक्षा सीआरपीएफ के हवाले होती है. इन मूर्तियों बदलने के लिए सिर्फ एक पुजारी को हाथों में दस्ताने पहने मंदिर में जाने की अनुमति होती है. और अंधेरे के बावजूद आंखों में पट्टी बांधी जाती है ताकि पुजारी भी मूर्तियों को ना देख सके.
ब्रह्म पदार्थ का रहस्य (Mystery)
पुरानी मूर्ति से जो नई मूर्ति बदली जाती है तब ‘ब्रह्म पदार्थ’ को पुरानी मूर्ति से निकालकर नई मूर्ति में डाल दिया जाता है. मान्यता है कि अगर ‘ब्रह्म पदार्थ’ किसी ने भी देख लिया तो उसकी तुरंत मौत हो जाएगी. बहुत से पुजारियों का कहना है कि ब्रह्म पदार्थ को जब वह पुरानी मूर्ति से नई मूर्ति में डालते हैं तो उन्हें कुछ उछलता हुआ सा महसूस होता है. उन्होंने कभी भी उसे देखा नहीं लेकिन उसे छूने पर वह एक खरगोश जैसा लगता है जो उछल रहा होता है.
मंदिर की परछाई का रहस्य
पूरी के जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) से जुड़ा एक रहस्य यह भी है कि कितनी भी धूप हो लेकिन इस मंदिर की परछाई कभी नहीं बनती।
सिंहद्वार का क्या है रहस्य
इस मंदिर में एक सिंहद्वार है उसका भी रहस्य(mystries) है की माना जाता है कि जब आप इस सिंहद्वार से बाहर होते हैं तो आपको समुद्र की लहरों की बहुत तेज आवाज आती है और मंदिर के पास जलती चिताओं की गंध आती है लेकिन जैसे ही आप सिंहद्वार के अंदर प्रवेश करते हैं तो यह आवाजें आना बंद हो जाती हैं. और यह गंध आनी भी बंद हो जाती है
हर रोज झंडे का बदलाना जरूरी
जगन्नाथ मंदिर के ऊपर एक झंडा लगा हुआ है जिसे रोज शाम को बदलाना जरूरी होता है. इसके पीछे यह माना जाता है। कि अगर मंदिर के झंडे को नहीं बदला गया तो यह मंदिर आने वाले 18 सालों में बंद हो जाएगा।
गुंबद का रहस्य
पूरी के जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) से जुड़ा एक और रहस्य (mystries) ये भी है कि कभी किसी पक्षी को इस मंदिर के गुंबद में बैठा हुआ नहीं देखा गया. और मंदिर के ऊपर भी कोई पक्षी नहीं उड़ते, इस मंदिर के ऊपर से हवाई जहाज आदि को भी उड़ने की मनाही है।
मंदिर की रसोई से जुड़ा रहस्य
जगन्नाथ मंदिर का रसोई घर दुनिया के सबसे बड़े रसोई घरों में से एक है. यहां 500 रसोइये और उनके 300 सहयोगी काम करते हैं. इस मंदिर में कितने भी भक्त आ जाएं लेकिन प्रसाद कभी कम नहीं पड़ता, लेकिन मंदिर के बंद होने के समय आते ही यह प्रसाद अपने आप खत्म हो जाता है। मंदिर में प्रसाद एक ही लकड़ी के चूल्हे पर 7 बर्तनों में एक साथ बनाया जाता है और सबसे पहले 7वें स्थान पर सबसे ऊपर रखे हुए बर्तन का प्रसाद बनकर तैयार होता है ना कि सबसे नीचे रखे हुए बर्तन का।