Agnipath scheme Army News : अग्निपथ स्कीम का विरोध क्यों कर रहे युवा छात्र?
सेना की अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) को लेकर देश के कई शहरो में विरोध प्रदर्शन (protest) हो रहे हैं. इसमें बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश के युवा सबसे ज्यादा उग्र और गुस्से में नजर आ रहे हैं. सेना में भर्ती की नई स्कीम को लेकर छात्र सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी छात्रों की स्कीम को लेकर कई चिंताएं हैं. इसमें छात्रों का सबसे बड़ा सवाल यही है कि वे सेना में भर्ती होने के लिए इतनी मेहनत करते हैं. फिर इस मेहनत से सिर्फ चार साल की नौकरी मिलेगी तो क्या फायदा?
- केंद्र सरकार और राज्य सरकार बोल रही है कि विभिन्न मंत्रालयों, अर्धसैनिक बलों में अग्निवीरों के सेनिको को प्राथमिकता मिलेगी लेकिन छात्र इससे संतुष्ट नहीं हैं. उनकी बड़ी चिंता यही है कि चार साल सेना के बाद आखिर वे लोग क्या करेंगे. इतनी मेहनत कर के सेना कि नौकरी ले और फिर चार साल बाद कहाँ जायँगे क्या करेंगे।
- सभी राज्यों के छात्र अग्निपथ स्कीम के नियमों को लेकर नाराज हैं. छात्रों का कहना है कि अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) में सिर्फ चार साल के कॉन्ट्रैक्ट में सेना में भर्ती होगी. फिर रिटायरमेंट दे दी जाएगी और ग्रैजुटी या पेंशन जैसे लाभ भी नहीं मिलेंगे जो कि उनकी नजर में ठीक नहीं है. उनका ये भी कहना है कि अगर नेता को ५ साल के बाद ग्रैजुटी या पेंशन मिलती है फिर सेना में क्यों नहीं, छात्रों कि बात भी जायज है।
- गुरुवार को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले (Muzaffarpur) में भी भारी विरोध प्रदर्शन हुआ. यह उन इलाकों में शामिल हैं जहां से बड़ी संख्या में युवा सेना में भर्ती होने जाते हैं.
- राजस्थान के सीकर जिले में भी भारी विरोध प्रदर्शन और तोड़-फोड़ हुआ। जयपुर, जोधपुर और अजमेर में भी प्रदर्शन और कई हिरासत में लिए गए।
- प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि पिछले दो सालों से सेना की भर्ती रुकी हुई है. उन्होंने भर्ती के लिए जरूरी फिजिकल टेस्ट भी पास कर लिया है, बावजूद इसके उनको नौकरी नहीं मिल रही है. और इस बीच सेना में नौकरी के नए नियम अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) लाना हताश करने जैसा है.
- इसके अलावा भी ऐसे कई युवा और छात्र हैं जो पिछले तीन सालों से सेना में भर्ती खुलने की राह तक रहे हैं. कोरोना काल की वजह से सेना भर्ती बंद रही, अब बड़ी संख्या में युवा ओवरएज हो चुके हैं. इस बीच अब अग्निपथ योजना में भी सिर्फ 21 साल की उम्र तक ही अप्लाई किया जा सकता है. ऐसे में आस लगाकर बैठे ओवरएज युवाओं और फिजिकल टेस्ट दे चुके नौजवानों की भी उम्मीदों पर पानी फिर गया है.
- युवाओं ने कहा कि हम सेना में जाने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करते हैं. इसे चार साल के लिए सीमित कैसे कर दिया जिसमें ट्रेनिंग के दिन और छुट्टियां भी शामिल हों? सरकार को इस स्कीम को वापस लेना चाहिए.
- बिहार में प्रदर्शन (Bihar Protest) कर रहे एक छात्र ने कहा कि हम चार साल के बाद काम करने कहां जाएंगे? चार साल की सर्विस के बाद हम लोग बेघर हो जाएंगे. इसलिए हम लोग सड़कों पर उतरे हैं. प्रदर्शनकारी ने कहा कि देश के नेताओं को समझना होगा कि जनता जागरूक है.
जानते है आखिर क्या है अग्निपथ स्कीम?
भारतीय सेना में पहली बार ऐसी कोई स्कीम लॉन्च की गई है, जिसमें शॉर्ट टर्म (कम अवधि) के लिए सैनिकों की भर्ती की जाएगी. अग्निपथ योजना (mAgnipath Yojna)के तहत हर साल साढ़े 17 साल से 21 साल की उम्र के बीच करीब 40-45 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा.
- अग्निपथ योजना कि भर्तियां में मेरिट और मेडिकल टेस्ट के आधार पर लिया भर्ति किआ जायेगा.
- इन चार वर्षों में सैनिकों को 6 महीने की बेसिक मिलिट्री प्रशिक्षण दी जाएगी.
- चार साल पूरे होने के बाद इन सभी अग्निवीरों की सेवा समाप्त हो जाएगी और फिर नई भर्तियां की जाएंगी.
- सेवा समाप्त होने वाले 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी काडर में भर्ती किया जाएगा.
- मासिक वेतन 30-40 हजार के साथ अन्य लाभ भी दिए जाएंगे.
- अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) में पहले साल में 30 हजार, दूसरे साल में 33 हजार, तीसरे साल में 36500 और चौथे साल में 40 हजार मासिक वेतन दिया जाएगा.
ऐसे में नौजवानों का सवाल हैं कि 25 फीसदी अग्निवीरों को तो कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद स्थायी काडर में शामिल कर लिया जाएगा, लेकिन बाकी 75 फीसदी अग्निवीरों का चार साल बाद क्या होगा वो कहाँ जायेंगे. उन्हें भत्ता तो सरकार दे देगी, लेकिन नौकरी कहां से आएगी?