भारतीय सेना वफादार कुत्तों को रिटायरमेंट के बाद खुद ही गोली क्यों मार देती है?

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भारतीय सेना वफादार कुत्तों को रिटायरमेंट के बाद खुद ही गोली क्यों मार देती है। जानिए वजह !

वैसे तो अगर वफ़ादारी की जब भी बात की जाती है। तो सबसे पहले कुत्तों का ही नाम लिया जाता है। क्योकि कुत्ते को सबसे वफादार जानवर होता है और माना भी जाता है। कहा जाता है, इंसान भले ही वफादार ना हो लेकिन कुत्ते काफी वफादार होते है। आपको बता दे कि कुत्तों को भारतीय सेना में भी भर्ती किया जाता है।

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आरटीआई के जरिए पता चली वजह जानिए – भारतीय सेना हो या पुलिस उनके साथ कुत्ते भी पूरी लगन के साथ अपनी ड्यूटी निभाते हैं। कुत्ते उन जगहों पर भी पहुंच सकते हैं जहां इंसान नहीं पहुंच सकते। बड़े से बड़े कार्यों को कुत्तों के द्वारा अंजाम दिया जाता है।

इंडियन आर्मी की मानें तो कुत्तों को मारने के पीछे सुरक्षा का ध्यान रखना होता है। सुरक्षा की दृष्टि से हीं रिटायर हुए कुत्ते को गोली मार दी जाती है। क्योंकि ये आशंका हमेशा बनी रहती है कि रिटायर होने के बाद कुत्ते कहीं गलत लोगों के हाथ न लग जाए। और अगर ऐसा हुआ तो देश को न जाने किस तरह की हानि का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि कुत्ते को हर उस गुप्त स्थान के बारे में पूरी जानकारी होती है जो आर्मी के अंडर रहता है। इसी वजह से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस एतिहाद को बरतते हुए आर्मी के कुत्तों को रिटायरमेंट के बाद मार दिया जाता है।

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भारतीय सेना वफादार कुत्तों को रिटायरमेंट के बाद खुद ही गोली क्यों मार देती है।

एक और वजह बताई जाती है कि एक उम्र के बाद कुत्ते के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। कुत्ते बीमार पड़ जाते हैं। इंडियन आर्मी कुत्ते की अच्छी देखरेख करती है। उसका इलाज करवाती है। लेकिन बावजूद इसके अगर कुत्ते के स्वास्थ्य में किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं होता, तो उसे गोली मार दी जाती है। ताकि कुत्ते की मौत तड़प कर ना हो।