जानिए क्या है NRC Bill, क्यों मचा है इस पर इतना घमासान

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National Register of Citizens Bill (What is NRC Bill Details): एनआरसी या नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन बिल का मकसद सिर्फ अवैध रूप से भारत में बसे घुसपैठियों को बाहर निकालना है। बता दें कि भारत में एनआरसी (NRC Bill In Hindi) अभी केवल असम में ही पूरा हुआ है। इसकी शुरुआत 2013 में हुई। भारत के गृह मंत्री अमित शाह अवैध रूप से भारत में बसे घुसपैठियों के लिए ये साफ कर चुके हैं कि एनआरसी (NRC Bill In Hindi) को पूरे भारत में लागू किया जाएगा। NRC का भारत के किसी धर्म के नागरिकों से कोई लेना देना नहीं है इसका मकसद केवल भारत में घुसे अवैध घुसपैठियों को बाहर निकालना है। हम आपको बता दें कि अमेरिका और यूरोपीय देशों में अवैध प्रवासियों को लेकर कड़े कानून पहले से ही लागू हैं। यहां हम आपको NRC से जुड़े अहम सवालों के जवाब दे रहे हैं।

  • NRC का क्या मतलब है
    नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन बिल (NRC Bill Meaning) एक रजिस्टर है जिसमें भारत में रह रहे सभी वैध नागरिकों का रिकॉर्ड रखा जाएगा।
    यहाँ हम बता दें कि NRC की शुरुआत 2013 में सुप्रीम कोर्ट की देख-रेख में असम में हुई थी। फिलहाल यह असम के अलावा किसी भी अन्य राज्य में लागू नहीं है।

 

  • NRC में शामिल होने के लिए जरूरी क्या है
    एनआरसी(NRC) के तहत भारत का नागरिक साबित करने के लिए किसी भी व्यक्ति को यह साबित करना होगा कि उसके पूर्वज 24 मार्च 1971 से पहले भारत आ गए थे। बता दें कि अवैध बांग्लादेशियों को निकालने के लिए इसे पहले असम में लागू किया गया है। अगले संसद सत्र में इसे पूरे देश में लागू करने का बिल लाया जा सकता है। पूरे भारत में लागू करने के लिए इसके लिए अलग जरूरतें और मसौदा होगा।
    * एक आधिकारिक सूत्र के मुताबिक मुताबित जिनका जन्म 1987 के पहले भारत में हुआ हो या जिनके माता-पिता का जन्म उस साल के पहले हुआ है, उन्हें कानून के तहत भारतीय माना जाएगा। असम के मामले में भारतीय नागरिक होने की पहचान के लिए 1971 को आधार वर्ष बनाया गया है ।

 

  • NRC के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत है
    भारत का वैध नागरिक साबित होने के लिए एक व्यक्ति के पास रिफ्यूजी रजिस्ट्रेशन, आधार कार्ड, जन्म का सर्टिफिकेट, एलआईसी पॉलिसी, सिटिजनशिप सर्टिफिकेट, पासपोर्ट, सरकार के द्वारा जारी किया लाइसेंस या सर्टिफिकेट में से कोई एक होना चाहिए।

 

  • एनआरसी में शामिल न होने वाले लोगों का क्या होगा?
    अगर कोई व्यक्ति एनआरसी में शामिल नहीं होता है तो उसे डिटेंशन सेंटर में ले जाया जाएगा जैसा कि असम में किया गया है। इसके बाद सरकार उन देशों से संपर्क करेगी जहां के वो नागरिक हैं। अगर सरकार द्वारा उपलब्ध कराए साक्ष्यों को दूसरे देशों की सरकार मान लेती है तो ऐसे अवैध प्रवासियों को वापस उनके देश भेज दिया जाएगा।
    न्यूज़ डेस्क – ग्रेट नेशन न्यूज़